Only the Struggle of the Peoples Will Break the Chains of Capitalist Domination and Exploitation!

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En Marcha #1647

Organ of the Marxist-Leninist Communist Party of Ecuador

April 25 to May 1, 2014

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मई दिवस

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साथियों,

१ मई यानी मज़दूरों के संघर्ष का दिन, इस बार मज़दूरों के उपर बढ़ते पूंजीवादी अत्याचार और भारत ही नही बल्कि समूचे विश्व में शोषण के खिलाफ मज़दूरों के तेज़ होते आंदोलन के बीच में आया है. आज पूरा पूंजीवादी ढ़ाचा चरमरा रहा है, पूंजीवाद आपने संकट से निकालने के तमाम कोशिश में नाकाम होता जा रहा है, और इसका सीधा असर मज़दूरों पर हो रहा है. मज़दूरों के वेतन में कटौती, मज़दूरों की छटनी और तमाम तरह के शोषण उस पर हो रहे हैं. पूंजीवाद और उसके क़ब्ज़े वाली सरकार ने, मज़दूरों के पक्ष में जो थोड़े क़ानून बने थे, उनको अंत करने की क़वायद और तेज़ कर दी है.
आज सरकार और उसके दूसरे अंग चाहे वो पुलिस हो या सरकार चलाने वाले नेता पूंजीपतियों की मॅनेजिंग समिति के रूप में काम कर रहें है. और हम मज़दूरों को इनसे कोई आशा नहीं रखनी चाहिए की वो हमारे लिए कोई काम करेंगे. पूंजीवादी व्यवस्था में अगर मज़दूरों के साथ कुछ होगा तो केवल जुल्म, शोषण और अत्याचार.

मज़दूर अपने उपर हो रहे शोषण के खिलाफ आवाज़ उठा रहा है. चाहे वो मारुति की हड़ताल हो या यानम में हुई हिंसक घटना. या फिर गुड़गाँव में हाल ही मे हुई कई सारी झड़प, मेहनतकश वर्ग पूंजीवाद के खिलाफ अपने गुस्से का इज़हार कर रहा है, पर आज वो संघटित नहीं है, और इस कारण से मलिक इसका पूरा लाभ उठा रहा है. गुड़गाँव में मज़दूर यूनियन नहीं बना सकता, ना ही वो न्यूनतम मजदूरी की माँग कर सकता है. और अगर उसने मालिकों के सामने यह माँग रखी तो उसे नौकरी से ही नहीं कई बार आपनी जान से भी हाथ धोना पङता है. आज ज़रूरत है तो मज़दूरों को एक होने की और खुद के संगठन के निर्माण की. एक ऐसा संगठन जो पूंजीवादियों के हाथ बिका हुआ ना हो, और जो मज़दूरों के नाम पर मालिकों का हित नहीं साधता.

साथियों,
मई दिवस के इस मौके पर आईए अपनी प्रतिज्ञा को एक बार फिर दोहराते हैं की हम एक शोषन्मुक्त, भयमुक्त जातिमुक्त समाज का निर्माण करने के लिए अपना संघर्ष को और मज़बूत करेंगे और एकजुट हो कर पूंजीवाद के खिलाफ जंग का एलान करेंगे. तभी मज़दूरों, किसानों और अन्य वर्ग जो या तो आर्थिक या जाति के आधार पर जो शोषण और उत्पीड़न के शिकार हैं उनको सही मायने में आज़ादी मिलेगी.

मज़दूरों के पास खोने के लिए कुछ नहीं और जीतने के लिए सारा संसार है

दूनिया के मज़दूरों एक हो !!

लाल झंडे के नीचे गोलबंद हो !!