विकास के लिए संसाधन जुटाने के लक्ष्य से नवीन बजट में जब 40 प्रतिशत सरचार्ज लगाया गया तो विदेशी संस्थागत निवेशक भी इस बढ़े हुऐ सरचार्ज के दायरे में आ गये। इससे उन्होंने भारतीय शेयर बाजार से पैसा निकालना शुरू कर दिया था।
अर्थव्यवस्था पर इसके विपरीत असर को देख वित्त मंत्री ने एफ़पी़आई़ पर अब बढ़ा हुआ सरचार्ज वापस लेकर बजट पूर्व स्थिति बहाल कर दी है। 26 अगस्त को ही सेंसेक्स बढ़कर 37494 के स्तर पर पहुंच गया। (आर एस एस के मुख्यपत्र पाञ्चजन्य की रिपोर्ट का अंश)
वित्तीय पूंजी किस प्रकार राज्य सत्ता को नियंत्रित करती है, भारत सरकार द्वारा उठाया कदम इस बात दर्शाता है। सरकार चाहे लोककल्याण का नारा लगाने वाली हो या निरंकुश शासन की पैरोकार, पूंजी की असीम शक्ति के सामने सभी नतमस्तक हैं।